छठी इन्द्रिय (Sixth Sense)

हम ये अक्सर कहते हैं की 'ये काम तो मैं चुटकी बजाते ही कर लूँगा' ये 'ये तो मेरे बाएँ हाथ का काम है' पर क्या वास्तव में हम ऐसा कर पाते हैं? भाई मेरा जवाब तो "हाँ" है और आपका? आज तकनीकी इतनी उन्नत हो गई है की हम लगभग हर कार्य बिजली गति से कर सकने में सक्षम होते जा रहे हैं... इसी विकासक्रम में एक और क्रांति दस्तक दे रही है जो हमारे दिनचर्या को पूरी तरह बदल सकने में सक्षम होगी....

इसी तकनीकी उन्नति की दिशा में MIT विस्वविद्यालय के सहायक शोधकर्ता प्रणव मिस्त्री ने "छठी इन्द्रिय (Sixth Sense)" नामक अपने शोध उपकरण के जरिये एक बेहद ही रोमांचक एवं जादुई उन्नति को संभव बनाया है| ये तकनीकी उपकरण अभी अपने विकास पथ पर है जो जल्द ही पूर्ण रूप से उपयोग में लेन योग्य तैयार हो जायेगी|

ये तकनीकी हमारे रोजमर्रा के कार्यों में काफी तीव्रता ला सकने में सक्षम होगी| आप अपने उँगलियों के इशारे से किसी भी कार्य को आसानी से कर पाएंगे| इस तकनीकी के जरिये आप किसी अनजान व्यक्ति से मिलनें पर उसके बारे में सब कुछ उसके बताये बगैर ही जान सकेंगे हैं| आप किसी भी सतह को एक मॉनिटर की तरह प्रयोग में ला सकेंगे और कहीं पर भी इन्टरनेट पर जा पाएंगे आपको कम्प्युटर के सामने बैठने की जरुरत नहीं रह जायेगी..., आप अपनी कलाई पर वर्चुअल घड़ी पहन सकेंगे.... आप अपनी हथेली तथा उँगलियों का उपयोग एक कैलकुलेटर की तरह कर सकेंगे.... आप बस हाथों के इशारे भर से फोटो खिंच सकने उसे किसी भी सतह पर देख सकने में सक्षम होंगे... आप को किसी जानकारी के लिए अब किसी कम्प्युटर के सामने बैठ कर key-board के जरिये अपने सवाल लिखने की जरुरत नहीं रह जायेगी, किसी चीज़ की जानकारी पाने के लिए आप को बस उसे अपने सामने लाना होगा और सारी जानकारी आप के सामने हाज़िर हो जायेगी.... खरीदारी करते समय आप किसी वस्तु विशेष के बारे में किसी से पूछे बिना ही अधिक जानकारी आसानी से पा सकेंगे और उसे खरीदना चाहिए या नहीं या आसानी से तय कर सकेंगे.... एसे ही कई विशेषताएं लिए हुए है ये "छठी इन्द्रिय (Sixth Sense)" उपकरण.....इसकी कीमत ३५० डॉलर आंकी गई है.... हाल ही में टेड-टॉक के अवसर पर प्रणव मिस्त्री ने यह कहा है की इस पूरी तकनीकी को वे ओपन सोर्स कर देंगे जिससे की यह तकनीकी सभी को मुफ्त में उपलब्ध हो जायेगी पर इस तकनीकी को उपयोग में लानें के लिए उपयोगी कलपुर्जों का खर्च उठाना पड़ेगा|



SixthSense
एक प्रोजेक्टर, दर्पण और कैमरा को मिलकर बनाया गया है| यह उपकरण मोबाइल की तरह गले में पहना जाता है| प्रोजेक्टर और कैमरा उपयोगकर्ता के जेब में मोबाइल रखे कंप्यूटिंग डिवाइस से जुड़े हुए होते हैं जो इस उपकरण का सञ्चालन करता है| उपकरण में संलग्न कैमरा हमारे हाथों के हव भाव अब इशारों के आधार पर बताये गए कार्यों को अंजाम देता है जबकि प्रोजेक्टर किसी भी सतह पर हमें मॉनिटर जैसा दृश्य दिखा कर हमें उपकरण का उपयोग करने के लिए एक प्रकार का अंतरफलक या पृष्ठभूमि का कार्य करता है...



श्रोत कड़ी: छठी इन्द्रिय (Sixth Sense)

टेड टॉक

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