कंप्यूटर जगत पर अंग्रेजी भाषा का एक छत्र राज रहा है, इसका कारण है की कंप्यूटर की शुरुआती खोज और विकास यूरोप एवं अमेरिका जैसे अंग्रेजी भाषी देशों में हुआ| परन्तु आज यह भारत सहित दुनिया के अनेकानेक देशों तक अपनी पहुँच बना चुका है| अब कंप्यूटर केवल अंग्रेजी भाषा तक सिमित नहीं रहा, अपितु दुनिया के कई भाषाओँ में भी रमने लगा है|
हमारी यही कोशिश है की हर हिंदी भाषी कंप्यूटर से परिचित हो एवं उसके कार्यप्रणाली को भलीभांति समझ सके|
"आपका सुझाव महत्वपूर्ण योगदान होगा!"
गूगल ने 'गूगल बज़' सर्विस लाया नहीं की उसका विरोध और निंदा होना भी शुरू हो गया.... वहीँ कुछ समर्थन में भी आगे आये... और कई तो यही कह रहे हैं की गूगल ने गूगल बज़ को जबरन जीमेल उपभोक्ता पर थोपा है...
हाँ गूगल बज़ शुरू करने में गूगल ने कुछ तकनीकी एवं वैचारिक अनदेखी जरुर की है जैसे की गूगल बज़ शुरू होते ही आपके गूगल संपर्क में जुड़े लोग स्वत: ही आपके बज़ में जुड़ जाते है और सार्वजानिक रूप से आप के प्रोफाइल में दिखने लगते है| परन्तु यदि आप ये नहीं चाहते की आपके संपर्क सार्वजनिक हों तो आप अपने प्रोफाइल सेटिंग्स में जाकर इसे अपने अनुरूप परिवर्तित कर सकते है|
अपने मित्रो को बज़ सन्देश पोस्ट करने से पहले आप यह तय कर सकते हैं की इस सन्देश / बज़ को सार्वजनिक रूप से पोस्ट करना है या किसी निजी समूह को| निजी समूह आप के गूगल खाते के संपर्क में बनाये जा सकते हैं|
और हाँ, एक और बात जो आप को परेशान कर सकती है की बज़ में जो भी नया सन्देश या टिप्पणी आती है वह बज़ टैब के आलावा सीधे इनबोक्स में भी आ जाती है, जिसका कोई तुक नजर नहीं आता.... इससे निज़ात पाने के लिए आपको सेटिंग्स में जाकर एक फिल्टर तैयार करना पड़ेगा जिससे की बज़ से सम्बंधित सारे सन्देश एवं टिप्पणी इनबोक्स में आये ही ना...
अब तो बज़ शुरू करने या पहली बार नया पोस्ट लिखने पर गूगल ने यह पूछना भी शुरू कर दिया है की आप गूगल प्रोफाइल बनाना/दिखाना चाहते है या नहीं, तो यदि आप गूगल प्रोफाइल नहीं दिखाना चाहते तो बस ना चुन लीजिये....
हर सर्विस प्रदाता के अनुरूप ही गूगल भी अपने प्रयोक्ताओं को कुछ न कुछ नया और बेहतर देने की चाह रखता है और मैं तो यूँ भी कहूँगा की गूगल ने बहुत ही ज्यादा एवं बेहतरीन दिया है... बज़ जैसे सुविधा पहले से उपलब्ध रहे हैं, पर वे सब सिर्फ उसी कार्य के लिए उपयोग किये जा सकते हैं, गूगल ने यही चाह रखी है की उसके प्रयोक्ता एक ही खाते के जरिये कई सुविधा प्राप्त कर सकें तो इसमें गलत क्या है... अब ये तो प्रयोक्ता पर निर्भर करता है की वह प्रदाता के द्वारा उपलब्ध सुविधा का उपयोग करे या न करे.... ये स्वतंत्रता तो मिलती ही है......
तो..... "गूगल बज़" शुरू करें या "गूगल अब बस" कर!, यह आपके रूचि पर निर्भर करता है....
rightly said
जवाब देंहटाएंcomputer is electronic device .And this is used to solve the very critical task esy to performe.
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